Tuesday, November 17, 2009
सुपर कंप्यूटर नहीं आम आदमी की सोचो
जापान सरकार के पैनल ने कहा- सुपर कंप्यूटर की क्या जरूरत?
जापान से एक अजीब सी ख़बर आई है। अजीब सी इसलिए क्योंकि यह जापान के स्वभाव और तकनीकी विकास के बिल्कुल उलट है।
जापान सरकार द्वारा सरकारी तंत्र को और कुशल बनने तथा गैरजरूरी खर्चों को रोकने के लिए गठित एक पैनल ने अपनी एक सिफारिश में सुपर कंप्यूटर से जुड़ी एक परियोजना पर ब्रेक लगा दिया है।
पैनल ने अपनी सिफारिश में कहा है कि नई पीढ़ी के सुपर कंप्यूटर बनाने में रूचि दिखाने कि बजाय हमें आम लोगों कि ज़िन्दगी बेहतर बनाने के इंतज़ाम करने चाहिए।
जापान के शिक्षा, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विकास मंत्रालय के प्रोजेक्ट के सिलसिले में पैनल ने सुपर कंम्पयूटर के अत्याधुनिक संस्करण के निर्माण पर यह कहते हुए रोक लगाने की सिफारिश की है कि आम आदमी के दैनिक जीवन में ये सुपर कंम्पयूटर आखिर किस तरह उपयोगी साबित होगा।
पैनल ने सुपर कंम्पयूटर के निर्माण पर होने वाले खर्च को अनावश्यक एवं फालतू बताया है। इसी के साथ इससे जुडे़ प्रोजेक्ट को तत्काल बंद करने की सिफारिश भी की है।
उल्लेखनीय है कि सुपर कंम्प्यूटर के नवीनतम संस्करण के निर्माण के लिए जापान सरकार द्वारा २६.७ बिलियन येन की धनराशि स्वीकृत होनी थी. पैनल ने कहा कि हम पहले ही आधुनिकीकरण के नाम पर बहुत प्रयोग कर चुके हैं। अब हमें अपने स्कूलों और लोगों के रहन-सहन, उनके द्वारा प्रयोग में आने वाली तकनीकी, लोगों के दैनिक जीवन पर ध्यान देना चाहिए और उसके विकास के बारे में सोचना चाहिए।
http://www.breitbart.com/article.php?id=D9BUEC9O1&show_article=१
A key government panel on cutting wasteful spending on Friday sought to freeze a project to develop a next-generation supercomputer, for which a 26.7 billion yen budget has been requested.
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हम कब सोचेंगे.....
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