tag:blogger.com,1999:blog-3257067490476922087.post6042737341594641717..comments2023-07-18T01:54:48.731-07:00Comments on Vichardhara: भाजपा को संघ से अलग करने में जुटा अमेरिकाRakeshhttp://www.blogger.com/profile/10306034817381794947noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3257067490476922087.post-33252365540195627022009-07-05T10:38:48.098-07:002009-07-05T10:38:48.098-07:00एक कविता प्रिय मित्रों के लिए -
ये रेतीले मैदान ...एक कविता प्रिय मित्रों के लिए -<br /><br /><br />ये रेतीले मैदान सुनो क्या कहते <br />ये पत्थर बेजान सुनो क्या कहते <br />दोनों ही एक दूजे के प्रतिरूप हैं <br />पत्थर टूटे रेत बने रेत मिले तो पत्थर है <br />दोनों के ही अंतिम अणु में <br />एक ही चेतन दौड़ रहा है<br />देखो कण कण से कोई तुमको <br />कोई हमको पुकार रहा है. <br />बूंद चले हिमगिरी से कितना वेग लिए <br />क्या क्या सन्देश लिए <br />यात्रा अपनी लम्बी है, नहीं अकेले चल सकते<br />फिर भी अंतिम अणु का चेतन <br />कहीं मिलन को दौड़ रहा है<br />देखो कण कण से कोई तुमको कोई हमको <br />पुकार रहा है.<br /><br />मित्रों आगे भी कविताओं का ये सिलसिला जारी रहेगा, ये मेरी अपनी रचनाएँ हैं, वर्षों पहले लिख कर रखीं थीं, अब आपका प्यार चाहती हैं. <br />आपका अपना<br />राकेश उपाध्यायRakeshhttps://www.blogger.com/profile/10306034817381794947noreply@blogger.com